Motihari. बिहार में पंचायत चुनाव खत्म होने के साथ-साथ विधानपरिषद चुनाव को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। चुनावी मैदान में उतरने वाले संभावित प्रत्याशी अपने दल के नेताओ के समक्ष अपनी मजबूत दावेदारी पेश करने में लगे हुए हैं।
बता दे, बिहार में अगले कुछ समय में विधान परिषद की खाली 24 सीटों पर चुनाव होने वाले हैं। जिसको लेकर सीटिंग कैंडिडेट समेत अन्य लोग अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
पूर्वी चंपारण में जिला परिषद चुनाव के बाद जिले की राजनीति में बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। इसका फायदा सीधे तौर पर विपक्षी दल राजद-कांग्रेस को मिला है। विधान परिषद चुनाव में भी यह उलटफेर देखने को मिल सकता है। राजद इस बार काफी सोच-समझकर बेदाग व हर तरह से सक्षम चेहरे पर दांव लगा सकता है।
पूर्वी चंपारण ‘विप’ की सीट बनी हॉट
बिहार विधान परिषद में इस समय 51 सदस्य हैं। जबकि कुल सदस्यों की संख्या 75 है। जून में ही 24 सीटें खाली हो चुकी हैं। पंचायत चुनाव में देरी के कारण इन सीटों को नहीं भरा जा सका है। इस बार एमएलसी चुनाव में एनडीए और राजद के बीच सीधा मुकाबला होगा। बताया जाता है कि महागठबंधन में सीटों को लेकर अब तक कोई बात नहीं बन पाई है। राजद अपने दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है।
विधानपरिषद की पूर्वी चंपारण इस बार हॉट सीट मानी जा रही है। पूर्वी चंपारण में जिला परिषद चुनाव के बाद जिले की राजनीति में अजीब परिवर्तन देखने को मिला है। सत्ता पक्ष के समर्थन से महागठबंधन का उम्मीदवार जिला जिला परिषद अध्यक्ष चुन लिया गया है। इसके बाद अब विधान परिषद की सीट को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा शुरू हो गई है।
बेदाग व सक्षम चेहरे पर राजद लगायेगी दांव
तेजस्वी यादव पिछली गलती को न दुहराते हुए इस बार कैंडिडेट का चयन पूरी तरह से ठोक बजाकर करेंगे। और हर तरह से सक्षम उम्मीदवार और साफ-सुथरे चेहरे को ही चुनावी मैदान में उतारेंगे। पूर्वी चंपारण सीट पर राजद की तरफ से कई नामों की चर्चा है। उनमें पूर्व विधायक बबलू देव, महेश्वर सिंह व पप्पू दूबे शामिल हैं। कई लोगों ने तो अपनी तैयारी शुरू कर दी है। लेकिन जैसे-जैसे समय नजदीक आ रहा एक नया और बेदाग चेहरे का नाम तेजी से चर्चा में है। वो नाम है मोतिहारी के शिक्षाविद् आलोक शर्मा का.
जानकारी के अनुसार, आलोक शर्मा भीतर ही भीतर तैयारी में जुटे हैं। बता दे आलोक शर्मा बेदाग व साफ छवि के हैं। काफी लंबे समय से सामाजिक व शिक्षा के पेशे से जुटे हैं। विवाद से कोई नाता नहीं होने की वजह से जिले के राजद विधायक व पूर्व विधायकों को भी इनके नाम पर ऐतराज नहीं है। यूं कहें कि अंदर ही अंदर उन्हें समर्थन मिल रहा है।
मोतिहारी के पूर्व सांसद व वर्तमान में राज्यसभा सदस्य व लालू परिवार के काफी करीबी डॉ. अखिलेश सिंह का भी अलोक शर्मा को खुला समर्थन है। ऐसे में इनकी भी दावेदारी काफी मजबूत हो जाती है। हाल ही में संपन्न हुए जिला परिषद चुनाव में महागठबंधन प्रत्याशी की जीत में अहम भूमिका निभाने के बाद आलोक शर्मा विप सीट के लिए विपक्ष के एक मजबूत दावेदार के रूप में उभरे हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, उनका टिकट पक्का माना जा रहा है।
2015 में बबलू गुप्ता जीते थे चुनाव
बता दे, विधानपरिषद की पूर्वी चंपारण सीट पर 2015 में बीजेपी के बबलू गुप्ता चुनाव जीते थे। उन्होंने राजद प्रत्याशी कलावती देवी को हराया था। एक बार फिर से चुनाव का बिगुल बजने वाला है। संभावित प्रत्याशी भीतर ही भीतर चुनावी तैयारी में जुटे हैं। लेकिन इस बार की लड़ाई बीजेपी के लिए आसान नहीं दिखती है।
कौन है अलोक शर्मा ?
अलोक शर्मा पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया विधनसभा क्षेत्र अंतर्गत सरोत्तर गावं के रहने वाले है। फिलहाल उनका पुरा परिवार मोतिहारी (चांदमारी) में रहता है। आलोक शर्मा के पिता श्री नारायण शर्मा जिले के नामी वकील रह चुके है। अलोक शर्मा काफी लंबे समय से सामाजिक कार्यो में जुटे रहे है। जिले में आने वाली बाढ़ के समय हजारों लोगो के लिए मददगार साबित होते है।
वैश्विक आपदा करोना काल में उनकी भूमिका सराहनीय रही है
‘शिक्षाविद्’ नाम से मशहूर
जिले में शिक्षाविद् के नाम से मशहूर है श्री शर्मा, वे विगत दशक से शिक्षा क्षेत्र में अपनी बहुमूल्य योगदान दे रहे है।
कई आईटीआई शिक्षण संस्थान एवं बीएड कॉलेज के मालिक है अलोक शर्मा