PATNA. कोरोना महामारी और लॉकडाउन के दौरान बाहुबलियों के बेटे भी सेवा कार्य के जरिए बिहार में सक्रिय होने की कोशिश करने लगे हैं। जैसा कि सब जानते हैं कि यूपी और बिहार राज्य की राजनीति में बाहुबलियों का दबदबा हमेशा से रहा है।
आज हम बात कर रहे हैं बिहार की राजनीति में सक्रिय हुए बाहुबलियों के लाड़लो के बारे में। बता दे, बाहुबली नेताओं के बेटे अब बिहार की राजनीति में अपनी पिता की विरासत को संभालने के लिए बेताब दिखाई पड़ रहे हैं।
वहीं इन बाहुबलियों के बेटे की सक्रियता से कई राजनीतिक दल के युवा नेताओं की परेशानी बढ़ने की संभावना बढ़ गई है। आइये जानते हैं विस्तार से उन बाहुबलियों के बच्चों के बारे में जो एकाएक बिहार की राजनीतिक में सक्रिय होते दिखाई पड़ रहे हैं:
चेतन आनंद : चेतन आनंद, उत्तर बिहार के बाहुबली नेता पूर्व सांसद आनंद मोहन और पूर्व सांसद लवली आनंद के बेटे हैं। आनंद मोहन भले ही गोपालगंज के डीएम जी. कृष्णैया की हत्या के केस में अभी जेल में बंद हैं, वहीं उनके विधायक बेटे चेतन आनंद लगातार सक्रिय दिखाई पड़ रहे हैं। बता दें चेतन शिवहर से राजद के विधायक है।
चेतन कोरोना काल में लगातार सक्रिय हैं और लालू यादव के निर्देश के बाद अपने क्षेत्र में काम भी करते दिखाई दिए हैं। बताया जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में चेतन शिवहर सीट से चुनाव भी लड़ सकते हैं।
ओसामा सहाब : ओसामा सिवान के बाहुबली दिवंगत नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन के बेटे है। ओसामा सहाब भी पिछले कई महीनों से बिहार की सियासत में सक्रिय होते हुए दिखाई पड़े। पिछले दिनों शहाबुद्दीन के निधन के बाद ओसामा खासे चर्चा में थे।
ओसामा पिता के निधन के बाद राजद से नाराज बताए जा रहे थे, जिसके बाद उन्हें मनाने खुद लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप सिवान पहुंचे थे और बंद कमरे में उनके बीच लगभग 2-3 घंटे तक बातचीत हुई थी, जो अच्छी-खासी सुर्खियों में रही थी।
फ़िलहाल ओसामा के बढ़ते कद का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उनसे मिलने कई पार्टी के नेता सिवान पहुंच रहे है।
सार्थक रंजन: पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद उनके क्रिकेटर बेटे सार्थक रंजन (Sarthak Ranjan) पहली बार सोशल मीडिया पर लाइव आए थे, इसी के साथ वे राजनीति में सक्रिय हुए।
सार्थक रंजन ने पिता की गिरफ्तारी पर नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा संभालने का ऐलान करते दिखाई दिए थे। बताया जा रहा है कि आने वाले समय में सार्थक बिहार की राजनिति में सक्रिय हो सकते हैं,ऐसी संभावना व्यक्त की जा रही है।
ये बाहुबली नेता भी सक्रिय: कोरोना काल में जहां एक ओर बाहुबलियों के बेटे मैदान में आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कई बाहुबली खुद ही मोर्चा संभाले हुए हैं। बाहुबली नेता रीतलाल यादव पटना इलाके में लगातार सक्रिय हैं, जबकि मोकामा के बाहुबली अनंत सिंह के समर्थक भी लोगों की लगातार मदद करते दिखाई पड़ रहे हैं।