जहानाबाद. बिहार के जहानाबाद से गजब मामला सामने आया है। जिसे सुनकर आप भी अपना माथा पीट लीजिएगा। बिहार पुलिस पर अबतक लापरवाही का आरोप तो लगता रहा है लेकिन अब लगता है कि वे अपना होश भी खो चुके है।
वही बिहार में अनुसूचित जाति अधिनियम का खूब दुरुपयोग हो रहा है।
दरअसल जहानाबाद जिले के पुलिस द्वारा एक मुर्दा पर केस करने का मामला सामने आया है। जिसके बाद पुलिस महकमे की खूब किरकिरी हो रही है।
मृत व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज
जानकारी के अनुसार, जहानाबाद के एससी/ एसटी थाने में एक मृत व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करने का मामला सामने आया है। दरअसल जिले के घोषी थाना क्षेत्र के वैना गांव के एक मृत व्यक्ति के ऊपर अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।
बता दे, गांव के नीरज कुमार की मृत्यु 2019 में ही हो चुकी है, लेकिन झूठा मुकदमा बनाने के लिए मृत नीरज कुमार को अभियुक्त बनाकर एससी-एसटी थाने में गांव के ही जगदीश दास ने झूठा आवेदन दिया। उस आवेदन के आधार पर पुलिस ने प्राथमिकी भी दर्ज कर ली। वही इस घटना से ग्रामीण भी हैरान हैं। लोगों में चर्चा तेज है कि किस तरह से झूठा मामला बनाकर लोगों को फंसाने की साजिश की जा रही है। अनुसूचित जाति अधिनियम का दुरुपयोग कर मृतक पर मारपीट करने तथा जातिसूचक शब्द बोलने का आरोप लगाना अपने आप में झूठ की कलई खोलता है।
वही इस मामले को लेकर जब एससी-एसटी थानाध्यक्ष कामेश्वर पासवान से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि प्राथमिकी पीड़ित के दिये गए आवेदन के आधार पर दर्ज कराई गई है। अगर किसी मृतक का नाम दिया गया है तो अनुसंधान में हटा दिया जायेगा। लेकिन यह चूक कहां से हुई है, उसकी भी जांच कराई जाएगी।